बैंक में रूपये की बचत के लिए दो सबसे लोकप्रिय ऑप्शन हैं- फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और रेकरिंग डिपॉजिट (RD)। एफडी में एकमुश्त रकम बैंक में डाल दी जाती है, जबकि आरडी (FD vs RD) में हर महीने छोटी-छोटी किस्तों में जमा किया जाता है।
अधिकांश लोग सोचते हैं कि FD और RD में ब्याज दर तो लगभग बराबर होती है, तो रिटर्न भी बराबर होगा, लेकिन असलियत कुछ और है। तो आइए हम आपको पांच सवालों में पूरा कैलकुलेशन समझाते हैं।
FD और RD में पैसा कैसे करे?
FD में आप एक साथ एकमुश्त राशि बैंक में डालते हैं, और उस पर फिक्स टाइम तक इंट्रेस्ट मिलता है। जबकि RD में हर महीने एक तय रकम जमा करते हैं। जैसे EMI, और हर किस्त पर अलग-अलग समय के हिसाब से ब्याज मिलता है।
इंट्रेस्ट का कैलकुलेशन कैसे करे?
फिक्स्ड डिपॉजिट में इंट्रेस्ट पूरी रकम पर पूरे समय तक लगता है, इसलिए कमाई ज्यादा होती है। RD में हर किस्त अलग-अलग तारीख से ब्याज कमाना शुरू करती है, जिससे कुल ब्याज थोड़ा कम आता है।
5 साल में FD और RD से कितना वापसी मिलेगा?
तो आइए आपको बताते हैं, मान लीजिए, सालाना ब्याज दर 7 प्रतिशत है। और आप FD में एक लाख रुपए 5 साल के लिए रखते हैं तो आपको करीब 1,40,255 रुपए मिलेंगे। जबकि RD में हर महीने 1,666 रुपए (कुल 1 लाख) 5 साल तक जमा करने पर लगभग 1,19,500 रुपए बनेंगे। यानी FD में करीब 20,700 रुपए ज्यादा फायदा।
कौन ज्यादा बेहतर FD या RD
जानकारी के लिए आपको बता दें कि, अगर आपके पास एकमुश्त रकम है, तो FD से ज्यादा ब्याज मिलेगा। और अगर हर महीने थोड़ी-थोड़ी बचत कर सकते हैं, तो RD सही है।
क्या FD और RD ब्याज पर टैक्स देना पड़ता है?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का माने तो दोनों पर मिलने वाला ब्याज टैक्स योग्य है। और बैंक TDS भी काट सकता है, अगर ब्याज तय लिमिट से ज्यादा हो जाए। ज्यादा रिटर्न पर टैक्स का असर भी थोड़ा ज्यादा होगा।
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